इंसान हूँ मै, मुझे अपने बाज़ारों में न तौलो,
मेरी सोच का वज़न लेने वाले तराज़ू कहाँ बने हैं ?
यूँ इतिहास के पन्नों में मेरे लफ़्ज़ों को न खोजो,
वो तो किसी चोट खाये किताब के दर्द में दबे हैं !
सोच
What are you worth ?
What are you worth ?
इंसान हूँ मै, मुझे अपने बाज़ारों में न तौलो,
मेरी सोच का वज़न लेने वाले तराज़ू कहाँ बने हैं ?
यूँ इतिहास के पन्नों में मेरे लफ़्ज़ों को न खोजो,
वो तो किसी चोट खाये किताब के दर्द में दबे हैं !